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पुनरीक्षित वेतन मैट्रिक्स में वेतन निर्धारण

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Monday, May 26, 2025

गोपनीय आख्या




AO बेसिक के दायित्व

 



7 अगस्त 1986 शासनादेश के प्रस्तर 5 को निरसित करते हुए संशोधित व्यवस्था का शासनादेश है। 

1986 के शासनादेश द्वारा शिक्षा विभाग में लेखा संगठन का विस्तार किया गया और जनपदों में वित्त एवं लेखाधिकती का पद सृजित किया गया। इसमें यह उल्लेख था कि वित्त एवं लेखाधिकारी बेसिक शिक्षाधिकारी के नियंत्रण एवं पर्यवेक्षण में कार्य करेंगे और चरित्र प्रविष्टि विषयक प्रतिवेदक होंगे। इसी व्यवस्था को बदलकर बीएसए के स्थान पर वित्त नियंत्रक, बेसिक शिक्षा परिषद किया गया। 

जनपदों में यह एक सामान्य समस्या है कि बीएसए वित्त एवं लेखाधिकारी और उसके कार्यालय को अधीनस्थ की तरह समझते हैं । 

उक्त शासनादेश के अतिरिक्त भी कुछ बिंदु हैं जिनके आधार पर तय होता है कि FAO बीएसए का अधीनस्थ कार्यालय नहीं हो सकता, 

जैसे-  शासनादेश 22 अगस्त 1950 का प्रस्तर 7 यह व्यस्था देता है कि वित्त एवं लेखाधिकारी वित्त नियंत्रक के पर्यवेक्षण एवं निरीक्षण में कार्य करेंगे। (FHB vol 5 part 1 chapter 18 A में संलग्न GO)

2) समान ग्रेड पे के अधिकारी के पर्यवेक्षण और नियंत्रण में कार्य करना तर्कसंगत नहीं है। 

3) FAO अपने कार्यालय के कतिपय कर्मचारियों का नियुक्ति प्राधिकारी होने के साथ ही सभी कर्मचारियों का सीधा नियंत्रक प्राधिकारी है जो उनके संदर्भ में सभी प्रशासनिक दायित्व का निर्वहन करता है। 

4) बीएसए को कहीं भी यह प्राधिकार नहीं है कि जनपदीय लेखा संगठन के किसी भी कर्मचारी के विषय में कोई प्रशासनिक निर्णय ले सके। 

5) हाल ही में सूचना आयोग के निर्देश पर FAO को अलग से उसके कार्यालय के लिए जन सूचना अधिकारी तथा वित्त नियंत्रक को उसका अपीलीय अधिकारी विभागाध्यक्ष स्तर से घोषित किया गया है। 

6) क्रय इत्यादि के लिए भी जेम पर FAO को अलग कार्यालय के तौर पर व्यवस्था की गई है। 

7) बजट की व्यवस्था लेखा संगठन के लिए अलग से की गई है। 

8) सहायक लेखाकार , लेखाकार और संप्रेक्षक के पदस्थापन विषयक समस्त कार्य जैसे कार्यभार ग्रहण कार्यमुक्ति इत्यादि में निदेशक द्वारा “कार्यालय , वित्त एवं लेखाधिकारी, बेसिक शिक्षा “ प्रयुक्त किया जा रहा है। 


बेसिक शिक्षा में लेखाधिकारी के समक्ष प्रायः ऐसी समस्या आती है। सभी लोग अपने अपने तरीके से इसका सामना करते हैं। इस समस्या की जड़ में यह बात है कि संरचना की स्पष्टता से संबंधित कोई शासनादेश नहीं है। 

इसके समाधान का एक ही तरीका है कि वित्त एवं लेखाधिकारी बेसिक शिक्षा को 12 D के तहत कार्यालयाध्यक्ष घोषित किया जाय। 

यदि ऐसा न हो सके तो उसे स्पष्ट रूप से वित्त नियंत्रक के अधीनस्थ एक अलग कार्यालय घोषित किया जाय। इससे 12D की परिभाषा (किसी कार्यालय का उच्चतम राजपत्रित अधिकारी कार्यालयाध्यक्ष होगा)के अनुसार वह स्वतः कार्यालयाध्यक्ष बन जायेगा। 


बड़ा सवाल यह है कि इसकी पहल कौन करे।

..... Gulshan sir