इस प्रकरण पर अधिकारियों से वार्ता के उपरांत भिन्न-भिन्न मत उभर कर सामने आए । मेरा मानना है कि इस ग्रुप के माध्यम से वित्त सेवा के सभी अधिकारी वर्ष 22-23 के मानदेय हेतु सार्वभौमिक निष्कर्ष पर पहुंच जाए।
1- इस शासनादेश में मार्च माह के वेतन के आधार पर मानदेय भुगतान की बात कहीं गई है। मार्च माह का वेतन अगले वित्तीय वर्ष के अप्रैल में आहरित होता है। हम लोग इसको फरवरी 23 का वेतन पढ़ रहे है, जो 1 मार्च 23 को देय होगा।
2- क्या मानदेय के दो आधार हो सकते हैं ? कुछ ड्राइवरों को मार्च 22 के वेतन के आधार पर दिया जाए तथा कुछ ड्राइवरों को मार्च 23 के वेतन के आधार पर दिया जाए? क्योंकि कुछ चालक वर्ष के बीच मे रिटायर हो जायेंगे।
3- जो ड्राइवर पूरे वित्तीय वर्ष सेवा नहीं करते हैं, उन्हें समानुपातिक रूप से कम मानदेय दिया जाना है अर्थात माह दिसंबर 22 में सेवानिवृत्त होने वाले चालकों को 9 माह का मानदेय दिया जाएगा, जिसका आधार मार्च 22 का वेतन होगा, ना कि मार्च 23 का ?
4- दिसंबर माह में सेवानिवृत्त होने वाले चालक को जुलाई के माह में वेतन वृद्धि प्राप्त हो जाएगी । अतः 3 महीने उसने मार्च 22 के वेतन पर कार्य किया है तथा 6 महीने जुलाई 22 के वेतन पर । ऐसी स्थिति में उसे दिसंबर 22 माह के वेतन के आधार पर दिया जाना तार्किक प्रतीत नहीं होता।
5- किसी चालक द्वारा पूरे वर्ष सेवा की गई है । परंतु जनवरी 23 में उसकी पदोन्नति हुई अथवा एसीपी का लाभ मिला, ऐसी स्थिति में उसने लगभग 10 माह पुराने वेतन पर सेवा की तथा मात्र 2 माह नए वेतन पर सेवा की । ऐसी स्थिति में 2 माह के बढ़े व नए वेतन के आधार पर पूरे वर्ष का मानदेय दिया जाना तार्किक प्रतीत नहीं होता।
6- इस शासनादेश की मंशा यह हो सकती है कि माह मार्च 22 का वेतन माह अप्रैल 22 में आहरित होगा, अर्थात वित्तीय वर्ष 22-23 में आहरित होगा, जो अगले वित्तीय वर्ष के लिए न्यूनतम वेतन होगा । पूरे वित्तीय वर्ष में उस चालक को कम से कम माह मार्च 22 के बराबर वेतन अवश्य प्राप्त होगा।
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